जन्म या कर्म से वर्ण निर्माण और निर्धारण होने का सवाल ही नहीं उठता।


कभी जन्म से वर्ण का निर्धारण होता है , कभी कर्म से वर्ण का निर्धारण होता है कहने वाले पल्टू वैदिक धर्मी विदेशी ब्रह्मिन और उनके देशी ब्रह्मिणवादी चमचो ये बतावो विदेशी ब्राह्मण ब्रह्मा ने उसकी बेटी सरस्वती का बलात्कार किया था तब अब बतावो उस रेपिस्ट ब्राह्मण का वर्ण क्या है ?

ब्रह्मा , विष्णु , रूद्र नामक विदेशी ब्रह्मिनो ने उनकी पातेहु अनुसया का नगा कर रपे कर उस से तीन रेपिस्ट का बच्चा दत्त पैदा किया जो बिचार बड़ा होकर दर दर पागलो की भटकता रहा। इन रेपिस्ट ब्राह्मण ब्रह्मा , विष्णु , रूद्र का जन्म से और कर्म से क्या वर्ण है ?

आये दिन कितने ही ब्राह्मण कुकर्म , हत्या , चोरी , बलात्कार , भ्रस्टाचार में पकड़े जाते है , सजा भी होती है , कितने ब्रह्मिनो के वर्ण कर्म से बदले ?

वैदिक धर्मी विदेशी ब्रह्मिनो और उनके देशी चमचो अब ये ढोंग करना बंद कर दो की वर्ण जन्म से नहीं कर्म से निर्धारित होता है।

सच बात तो ये है हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अलग अलग है। हिन्दू धर्म में वर्ण , जाती , भेदभाव है ही नहीं क्यों की हम वेद को नाही मानते ,मनुस्मृति को नहीं मानते , ब्रह्मा , विष्णु , इंद्रा , सोम , रूद्र आदि चारित्र्यहीन विदेशी ब्राह्मण लोगो को भगवन नहीं मानते। हिन्दू धर्म धर्मात्मा कबीर वाणी बीजक को अपना धर्म ग्रन्थ मानते है , हिन्दू कोड बिल को अपना कायदा मानते है और हिन्दू धर्म में ना वर्ण है ना जाती तब जन्म या कर्म से वर्ण निर्माण और निर्धारण होने का सवाल ही नहीं उठता।

वैदिक ब्राह्मण धर्म अलग है वे वेद धर्म ग्रन्थ , मनुस्मृति के कायदे मानते है वह जाती वर्ण है तो माने ब्रह्मा , विष्णु , इंद्रा सोम आदि को घटिया घोषित कर दे हमें क्या आपत्ति ? गोडसे , सावरकर , हेगडेवार , भागवत आदि को तुच्छ घोसित कर दे हमें क्या आपत्ति ? गडकरी , फडणवीस की जांच करा कर भ्रस्टाचारी घोषित कर दे हमें क्या आपत्ति ? कोई नहीं क्यों की ब्राह्मण का अपना धर्म वैदिक ब्राह्मण धर्म अलग धर्म है जिस में केवल एक वर्ण सवर्ण विदेही वैदिक ब्रह्मिन आते है तो घोषित कर दे चतुर्वेदी ब्राह्मण है बाकी नहीं और त्रिवेदी , द्विवेदी , वेदी शूरा है , मिश्रा , वाजपयी , अडवाणी अस्पृश्य है हमें क्या आपत्ति हो सकती है , लगावो वह जन्म , कर्म से वर्ण निच्छित करने का सिद्धांत और करो वह जाती निर्धारण , हमें कोई आपत्ति नहीं क्यों की वैदिक ब्रह्मिन धर्मी केवल ३ प्रतिशत है और ब्राह्मण छोड़ कर बाकी सभी ९७ प्रतिशत नेटिव हिन्दू है और हिन्दू ये मानता है की विदेशी ब्राह्मण हिन्दू और हिंदुस्तान का दुश्मन है। तभी तो विदेशी ब्राह्मण भारत छोडो का नारा दिया है !

नेटिविस्ट डी डी राउत
प्रचारक
सत्य हिन्दू धर्म सभा

Comments

Popular posts from this blog